शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान, बलिया, उत्तर प्रदेश
शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के माध्यम से सामाजिक उत्थान को तत्पर एक गैर-सरकारी संगठन।
Friday, 20 July 2018
Thursday, 19 July 2018
शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान: एक परिचय
शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान एक गैर-सरकारी संगठन है, जो संपूर्ण उत्तर प्रदेश में शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु तत्पर एक संस्था है, जिसका गठन 18 अप्रैल 1988 को हुआ था ।
वो महत्वपूर्ण और सामाजिक उन्नति के लिए सहयोगी उद्देश्य निम्न हैं;
1) बालक -बालिकाओं की शिक्षा/ प्रशिक्षण/ उत्पादकता हेतु संस्थानों को स्थापित करने, प्राविधिक, व्यवसायिक जैसे सिलाई, उ. प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड से सम्बंधित विभिन्न उद्द्योग जैसे - अगरबत्ती, हाथ कागज़, फल संरक्षण, जड़ी बूटियों का संचयन आदि स्थापित करना और अन्य प्रकार के विद्यालयों , संस्थाओं को जिन्हें सोसाइटी उचित समझती हो, इसके अतिरिक्त विज्ञान , कला , साहित्य के प्रशिक्षण उपयोग, ज्ञान के प्रचार व् प्रसार सम्बन्धी पुस्तकालयों, वाचनालयों को स्थापित एवं संचालित करना।
2) सोसाइटी द्वारा संचालित सभी विद्यालयों / संस्थानों के छात्रों के लिए छात्रावासों एवं आश्रमों का निर्माण व उनकी देखभाल करना.
3) ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालो लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए छोटे छोटे उत्पादन कार्यों की व्यवस्था करना. हरिजनों. अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जाति के व्यक्तियों के लिए शिक्षा , भवन, पीने के पानी, सार्वजनिक शौचालय आदि जनसुविधाओं की व्यवस्था करना तथा सिंचाई की व्यवस्था करना ।
4) महिलाओं तथा बच्चो को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक आहार तथा दवा की व्यवस्था करना ।
5) वृक्षारोपण, दहेज़ प्रथा उन्मूलन आदि राष्ट्रीय कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु आवश्यक योगदान देना ।
6) खादी के वस्त्रो के निर्माण हेंतु बढ़ावा देना ।
7) प्रौढ़-शिक्षा की व्यवस्था से जन साधारण को लाभान्वित करना ।
8) गरीब एवं प्रतिभावान छात्रो की सहायता एवं प्रेरणा हेंतु छात्रवृति, आर्थिक सहायता आदि की व्यवस्था करना ।
9) जिला उद्योग केंद्र, बलिया उ. प्र. वित्त निगम आदि वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित करना तथा उत्पादन से सम्बंधित विभिन्न कार्यों को निष्पादित करना एवं उसे जन साधारण तक पहुँचाना । संस्थाओं को संचालित करने के लिए चंदा, अनुदान, आर्थिक सहायता एवं ऋण आदि स्थानीय, राज्य व केंद्रीय सरकार और अन्य संस्थाओं एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से एकत्र करना ।
10) ऐसे अन्य सभी कार्यों को करना जो उपर्युक्त लक्ष्यों तथा उनमे से किसी एक उद्देश्यों की प्राप्ति में आकस्मिक सहयोग दे या लाभप्रद हो ।
11) सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत अन्य सभी कार्यो को संचालित करना ।
वो महत्वपूर्ण और सामाजिक उन्नति के लिए सहयोगी उद्देश्य निम्न हैं;
1) बालक -बालिकाओं की शिक्षा/ प्रशिक्षण/ उत्पादकता हेतु संस्थानों को स्थापित करने, प्राविधिक, व्यवसायिक जैसे सिलाई, उ. प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड से सम्बंधित विभिन्न उद्द्योग जैसे - अगरबत्ती, हाथ कागज़, फल संरक्षण, जड़ी बूटियों का संचयन आदि स्थापित करना और अन्य प्रकार के विद्यालयों , संस्थाओं को जिन्हें सोसाइटी उचित समझती हो, इसके अतिरिक्त विज्ञान , कला , साहित्य के प्रशिक्षण उपयोग, ज्ञान के प्रचार व् प्रसार सम्बन्धी पुस्तकालयों, वाचनालयों को स्थापित एवं संचालित करना।
2) सोसाइटी द्वारा संचालित सभी विद्यालयों / संस्थानों के छात्रों के लिए छात्रावासों एवं आश्रमों का निर्माण व उनकी देखभाल करना.
3) ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालो लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए छोटे छोटे उत्पादन कार्यों की व्यवस्था करना. हरिजनों. अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जाति के व्यक्तियों के लिए शिक्षा , भवन, पीने के पानी, सार्वजनिक शौचालय आदि जनसुविधाओं की व्यवस्था करना तथा सिंचाई की व्यवस्था करना ।
4) महिलाओं तथा बच्चो को कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक आहार तथा दवा की व्यवस्था करना ।
5) वृक्षारोपण, दहेज़ प्रथा उन्मूलन आदि राष्ट्रीय कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु आवश्यक योगदान देना ।
6) खादी के वस्त्रो के निर्माण हेंतु बढ़ावा देना ।
7) प्रौढ़-शिक्षा की व्यवस्था से जन साधारण को लाभान्वित करना ।
8) गरीब एवं प्रतिभावान छात्रो की सहायता एवं प्रेरणा हेंतु छात्रवृति, आर्थिक सहायता आदि की व्यवस्था करना ।
9) जिला उद्योग केंद्र, बलिया उ. प्र. वित्त निगम आदि वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित करना तथा उत्पादन से सम्बंधित विभिन्न कार्यों को निष्पादित करना एवं उसे जन साधारण तक पहुँचाना । संस्थाओं को संचालित करने के लिए चंदा, अनुदान, आर्थिक सहायता एवं ऋण आदि स्थानीय, राज्य व केंद्रीय सरकार और अन्य संस्थाओं एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से एकत्र करना ।
10) ऐसे अन्य सभी कार्यों को करना जो उपर्युक्त लक्ष्यों तथा उनमे से किसी एक उद्देश्यों की प्राप्ति में आकस्मिक सहयोग दे या लाभप्रद हो ।
11) सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत अन्य सभी कार्यो को संचालित करना ।
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शैक्षणिक, औद्योगिक एवं सेवा संस्थान एक गैर-सरकारी संगठन है, जो संपूर्ण उत्तर प्रदेश में शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण के माध्यम से कुछ महत्व...